न तो यह उत्तर कोरिया के तानाशाह “किम जोंग उन” की बात है और नहीं तो ये सूरत के पास आये नगर “किम” की बात है….लेकिन यह बात 14 करोड़ रुपये में बिके एक छोटे से कबूतर के बारे में है ! और यह सिर्फ एक सामान्य पक्षी नहीं है बल्कि एक “रेसर कबूतर” है। आज से दो साल पहले नवंबर 2020 में बेल्जियम के पीपा (कबूतर स्वर्ग – Pigeon Paradise) केंद्र में इस की नीलामी की गई थी। उस नीलामी में New Kim १४ करोड़ रुपये में बिका था।
“मादा कबूतर”, जिसे “१७ ००० रुपये के सामान्य आधार मूल्य पर नीलामी के लिए रखा गया था, उसे खरीदने के लिए दो चीनी खरीदारों के बीच दांव लगा हुआ था। और आखिरकार न्यू किम को १४ करोड़ रुपये में बिका!” दुनिया में अब तक सबसे ज्यादा बिकने वाले पक्षी का रिकॉर्ड “न्यू किम” के नाम है!
ऐसे कबूतर की आसमानी कीमत क्यों होती है ?
इससे पहले २०१९ में अरमांडो नाम के चार साल के नर को १२ करोड़ रुपये में बेचा गया था। जिसे चीन के एक अनजान खरीदार ने ही खरीद लिया था I ऐसा कहा जाता है कि चीन में कबूतरों की दौड़ पर दांव लगाया जाता है इसलिए रेसर कबूतरों की “मांग” चीन में सबसे ज्यादा है। हैरानी की बात यह है कि इससे पहले किसी भी “मादा कबूतर” की इतनी ऊंची कीमत कभी नहीं रही!
नीलामी के वक्त न्यू किम महज दो साल की थीं। आमतौर पर इन पक्षियों की उम्र १४ से १५ साल मानी जाती है। और सबसे महत्वपूर्ण बात, मादा दस साल की उम्र तक अंडे दे सकती है । इसी वजह से शायद नीलामी में न्यू किम की कीमत इतनी ज्यादा हो गयी हो ! कहा जाता है कि चीन में रेसर कबूतर के मालिक होना गर्व की बात मानी जाती है। चीन में, एक रेसिंग pigeon का मालिक होना विलासिता और वैभव का प्रतीक माना जाता है। नीलामी के बाद हैरान हुए न्यू किम के असली मालिक और असली ट्रेनर Kurt Van de Wouwer (कर्ट वान डी वाउवर) भी न्यू किम की नीलामी में जुटाई गई रकम को सुनकर हैरान रह गए।
किम की हाँसील
२०१८ में, एक साल की उम्र में न्यू किम ने “नेशनल मिडिल रेस” सहित कई रेस जीतीं। न्यू किम की खासियत है दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला कबूतर है। न्यू किम एक सामान्य उड़ान में १४५ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है, और एक समय न्यू किम ने १८५ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी थी। न्यू किम में हजारों किलोमीटर तक लगातार उड़ान भरने की क्षमता है। न्यू किम बेल्जियम में पैदा होते और पाले जानेवाले एक दुर्लभ प्रजाति है ।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, लगभग १,२०० न्यू किम प्रजाति के कबूतरों को युद्धरत राष्ट्रों द्वारा संदेशवाहक के रूप में इस्तेमाल किया गया था इसके लिए विशेष प्रशिक्षक ऐसे रेसर कबूतरों को जासूसी सहित विशेष प्रशिक्षण देते हैं। बेल्जियम की राजधानी एंटवर्प अपने हीरे के व्यापार के लिए जानी जाती है। लेकिन कहा जाता है कि बेल्जियम के एंटवर्प में हीरा प्रेमियों के बीच करीब २०,००० कबूतर प्रशिक्षक है !
न्यू किम को किसने खरीदा, इसे बेहद गोपनीय रखा गया है। लेकिन कहा जाता है कि २०१९ में १२ करोड़ रुपये में अरमांडो को खरीदने वाला चीनी मालेतुजार वही मालेतुजार है जिसने न्यू किम को १४ करोड़ रुपये में खरीदा था। निजी सूत्रों के अनुसार चीनी मालेतुजार का नाम Guo Weicheng (गुओ वेइचेंग) बताया जाता है।
समाज में मान्यताओं से और विभिन्न स्पोर्ट्स से भी संपत्ति जुटाने के कारण हो सकते है। किम को खुदकों पता ही नहीं उसकी कीमत क्या है ?!!
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