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Californium


कैलिफ़ोर्नियम एक धातु/तत्व है।  एक तत्व जो प्राकृतिक रूप से नहीं मिलता बल्कि मानव निर्मित है।  कैलिफ़ोर्नियम का जन्म 1950 में कैलिफ़ोर्निया में हुआ था इसलिए इसका नाम कैलिफ़ोर्नियम है।  

दूसरी तरफ ओर एक दावा यह भी किया जाता है कि सिंथेटिक तत्व जिसे अब कैलिफ़ोर्नियम के नाम से जाना जाता है, दो अरब साल पहले स्वाभाविक रूप से अफ्रीका में उपलब्ध था !


कैलिफ़ोर्नियम फिर जिन्दा हुआ

मतलब ये हुआ की, उसके बाद वैज्ञानिक कुंभकर्ण की तरह दो अरब साल के लंबे कोमा में चले गए होंगे, इसलिए 1950 में कैलिफ़ोर्नियम का कैलिफोर्निया में पुनर्जन्म हुआ !

कैलिफ़ोर्नियम एक रेडियोधर्मी रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक Cf और परमाणु क्रमांक 98 है। कैलिफोर्नियम धातु का उत्पादन पहली बार 1950 में अमेरिका के कैलिफोर्निया के बर्कले में कैलिफोर्निया विकिरण प्रयोगशाला में स्टेनली थॉम्पसन, केनेथ स्ट्रीट, अल्बर्ट घियोर्सो और ग्लेन सीबोर्ग नामक वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था। कैलिफोर्नियम वैज्ञानिकों द्वारा कृत्रिम रूप से बनाया गया दुनिया का छठा धातु/तत्व है। पहले प्रयोग में वैज्ञानिकों ने कैलिफोर्नियम-245 के 70,000 परमाणु बनाए।


कैलिफ़ोर्नियम कैसे बनता है

कैलिफोर्नियम धातु/तत्व प्रयोगशाला में क्यूरियम (Curium)अल्फा (Alpha) कणों के संयोजन से बनाया जाता है। कहा जाता है कि हर साल केवल आधा ग्राम कैलीफोर्नियम का ही उत्पादन होता है। जिसके कारण कैलिफ़ोर्नियम दुनिया की सबसे महंगी धातु है।

कैलिफोर्नियम एक चमकदार सफेद धातु है जो शुद्ध चांदी की तरह दिखती है। कैलिफोर्नियम हलवे जैसा की तरह बहुत नरम होता है।   कैलिफ़ोर्नियम एक नरम धातु है जिसे सामान्य ब्लेड या सब्जी के छिलके से आसानी से काटा जा सकता है। कैलिफ़ोर्नियम 900 °C (1,652 °F) पर पिघलता है जबकि यह 1,470 °C (2,678 °F) पर उबलता है। कैलिफोर्नियम -252 को सबसे शक्तिशाली माना जाता है, एक माइक्रोग्राम कैलिफोर्नियम हर मिनट 170 मिलियन न्यूट्रॉन का उत्पादन करने में सक्षम है।


दुनिया में सिर्फ दो जगहों पर कैलीफोर्नियम का उत्पादन होता है…


1. The Oak Ridge National Laboratory in the United States, और
2. The Research Institute of Atomic Reactors in Dimitrovgrad, Russia.

कैलिफ़ोर्नियम केवल उन व्यक्तियों या संगठनों को बेचा जा सकता है जिन्हें रेडियोधर्मी सामग्री खरीदने, रखने और उपयोग करने के लिए लाइसेंस प्राप्त है।1950 से 1975 में इसके जन्म से लेकर अब तक केवल 63 मिलीग्राम कैलीफोर्नियम का उत्पादन और बिक्री हुई थी। कैलिफ़ोर्नियम 245CF, 249Cf, 250Cf, 251Cf, और 252Cf विभिन्न प्रकार के होते हैं। जिनमें से 252CF सबसे शक्तिशाली माना जाता है।

कैलिफोर्नियम-252 एक अत्यंत प्रबल न्यूट्रॉन उत्सर्जक है। कैलिफोर्नियम का एक माइक्रोग्राम प्रति मिनट 170 मिलियन न्यूट्रॉन उत्सर्जित करता है ! कैलिफ़ोर्नियम स्वाभाविक रूप से रेडियोधर्मी है और इसके संपर्क में आने से मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा है। कृत्रिम रूप से उत्पादित कैलिफोर्नियम की जीवन प्रत्याशा 2.5 वर्ष मानी जाती है। साथ ही 1.5 साल बाद इसकी क्षमता लगभग आधी रह जाती है।

कैलिफ़ोर्नियम न्यूट्रॉन का एक बड़ा स्रोत है इसलिए यह परमाणु प्रक्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को जल्दी से शुरू कर सकता है। कहा जाता है कि कैलिफ़ोर्नियम आग की तरह काम करता है और परमाणु प्रक्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को बहुत तेज़ी से शुरू करता है। कैलीफोर्नियम के बिना अणु की प्रतिक्रिया बहुत धीमी रहती है, जिसके कारण बहुत कम ऊष्मा उत्पन्न होती है। यहां यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि कैलिफोर्नियम का उपयोग ज्यादातर गैर-सैन्य प्रक्रियाओं में किया जाता है।

कैलिफोर्नियम की कीमत

अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत 17 करोड़ रुपए है! संभवतः पृथ्वी पर बिकने वाले किसी तत्व या किसी धातु की उच्चतम कीमत !

कैलिफ़ोर्नियम जैसी घातक और जानलेवा धातु को अपने ग्राहकों तक पहुँचाने के लिए कई सुरक्षा और सावधानी बरती जानी चाहिए…अन्यथा आपदा आ सकती है। वैसे तो कैलिफ़ोर्नियम का उत्पादन दुनिया में केवल दो जगहों और दो देशों में होता है, लेकिन इसकी पैकिंग और परिवहन के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं जो पूरी दुनिया पर लागू होते हैं और जिनका पालन पूरी दुनिया को करना होता है।
 
कैलिफोर्नियम के लिए USDOT (यूएसडॉट) प्रमाणित Type A (टाइप ए) के मुताबिक 7A (7ए) रेडियोधर्मी पैकेजिंग में पैक कर के ग्राहक को भेजा जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात, संभवतः समुद्रमार्ग के द्वारा कैलिफोर्नियम अपने ग्राहक तक पहुंचाया जाता है। कैलिफोर्नियम की पैकिंग सामग्री बहुत सख्त और बहुत मोटी सामग्री से बनी रहती है।

जिससे इसमें रखे कैलीफोर्नियम का कोई रिसाव नहीं होता है। कैलिफ़ोर्नियम को आमतौर पर एक इंसुलेटेड बैग में रखा जाता है और बैग को सभी तरफ से सील कर दिया जाता है। साथ ही कैलिफ़ोर्नियम की गर्मी को ध्यान में रखते हुए एक खास तरह का बैग बनाया जाता है। साथ ही यह बैग विशेष रूप से किसी भी तापमान पर कहीं से भी लीक न हो उसका भी ध्यान रखा जाता है। यह बैग हवा और पानी के किसी भी दबाव का सामना कर सकता है। दुनिया की सबसे खतरनाक और जानलेवा धातु, रखना होगा इतना ख्याल तो रखना ही पड़ेगा ना !

एक विचार…
क्या होगा अगर वह जहाज जिसमें कैलीफोर्नियम को भेजा जा रहा है, इस सारी देखभाल के बावजूद समुद्र में डूब जाता है तो?!ऐसी परिस्थितियों में इसका अधिकांश महासागरीय क्षेत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा…अधिकांश समुद्री जीव रेडियोधर्मी के कारण मरेंगे…समुद्र का पानी प्रदूषित होगा…मानव जीवन को भी खतरा होगा इसके कारन खतरा होगा।

मेड-टू-ऑर्डर कैलिफ़ोर्नियम को खुले बाज़ार में उपलब्ध नहीं होने के लिए कहा गया है। साथ ही कैलिफ़ोर्नियम आम तौर पर किसी आम जनता को नहीं बेचा जाता है..साथ ही इसका उत्पादन बहुत सीमित मात्रा में होता है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि साल 2021 में पश्चिम बंगाल में कोलकाता एयरपोर्ट के पास से दो लोगों के पास से 250 ग्राम कैलीफोर्नियम पकड़ा गया था। उस समय पकड़े गए कैलीफोर्नियम की मात्रा का बाजार मूल्य 4250 करोड़ रुपये था ! कैलिफोर्नियम के साथ पकड़े गए दो व्यक्ति हुबली जिले के थे, जिनके नाम सैलन कर्माकर और असित घोष थे।

यह घटना कई और सवाल भी उठाती है- ?


1. अगर हर साल 2-5 ग्राम से कम कैलीफोर्नियम का उत्पादन होता है… इन लोगों को इतनी बड़ी मात्रा में 250 ग्राम कैसे मिला?
2. ये अपराधियोंने  4250 करोड़ रुपये कैसे चुकाए होंगे ?
3. यदि कैलिफ़ोर्नियम का जीवनकाल केवल 2.5 वर्ष है, तो ये अपराधी इतनी बड़ी मात्रा में कैलिफ़ोर्नियम कहाँ जमा किया होगाऔर कैसे जमा
 किया होगा?
4. ये अपराधी कैलीफ़ोर्नियम की ज़ब्त मात्रा किसे और कहाँ बेचने वाले थे?
5. अपराधियों के पास से जब्त 250 ग्राम कैलीफ़ोर्नियम का सरकार ने क्या उपयोग किया ?
6. अपराधियों के पास से जब्त 250 ग्राम कैलीफोर्नियम की मात्रा को सरकार ने कैसे और कहाँ नष्ट किया?
आदि आदि
 

कैलिफोर्नियम मानव जाति के लिए बहुत ख़तरनाक है।

क्योंकि यह एक रेडियोधर्मी धातु है…जो मानव जाति के लिए घातक साबित हो सकती है।
कैलिफोर्नियम के संपर्क में आने वाले को कैंसर हो जाता है।
कैलिफ़ोर्नियम शरीर के टिस्यू को नष्ट कर देता है।
कैलिफोर्नियम के संपर्क में आने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो जाती है।
कैलिफ़ोर्नियम का रक्त पर और विशेष रूप से रक्त कोशिकाओं पर सीधा प्रभाव पड़ता है, कैलिफ़ोर्नियम के संपर्क में आने से रक्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं जो मानव शरीर में ल्यूकेमिया और रक्त कैंसर का कारण बनती हैं।

कैलिफ़ोर्नियम के संपर्क में आने से गर्भपात, मृत जन्म, शारीरिक और मानसिक विकृतियों, विकृतियों और बांझपन सहित प्रजनन संबंधी समस्याएं भी होती हैं।
कैलिफोर्नियम के संपर्क में आने से आनुवंशिक समस्याएं होती हैं जो न केवल व्यक्ति के जीवन काल के दौरान होती हैं बल्कि व्यक्ति को पीढ़ी दर पीढ़ी तक कायम रहती है।
जापान के हिरोशिमा, नागासाकी और चेरनोबिल के उदाहरण हमारे सामने हैं।

कैलिफोर्नियम का उपयोग


कैलिफोर्नियम cf-252 में बहुत मजबूत न्यूट्रॉन होते हैं, इसलिए आमतौर पर इसका उपयोग परमाणु रिएक्टरों को शुरू करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग मेटल डिटेक्टरों में जमीन में सोने और चांदी का पता लगाने और तेल के कुओं में तेल और पानी की मात्रा का पता लगाने और जमीन में कच्चे तेल को परखने के लिए किया जाता है।

कैलिफोर्नियम का उपयोग कैंसर रोगियों के इलाज के लिए भी किया जाता है। कैलिफ़ोर्नियम का उपयोग एक्स रे मशीनों के निर्माण में भी किया जाता है। आश्चर्यजनक रूप से कहा जाता है कि कैलीफोर्नियम के संपर्क में आने से एक तरफ ब्लड कैंसर होता है वहीं दूसरी ओर यह दावा किया जाता है कि कैलीफोर्नियम का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में किया जाता है!
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रूस-यूक्रेन युद्ध और दूसरे दुश्मन देश जो चौबीसों घंटे एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं, उससे डर है कि हमारा मानवजीवन मानो फिर से  पाषाणयुग की तरफ बढ़ रहा है। अब हमें बस भगवान से यही प्रार्थना करनी है कि…
“हे भगवान हमें चेरनोबिल या हिरोशिमा और नागासाकी का जीवन जीने के लिए कभी मजबूर नहीं करना।”

कैलिफोर्नियम के बारे मे विग्यनिक माहिति

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