सेकंड की बात – एक सेकंड मे क्या होता है ?
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सेकंड की बात – एक सेकंड मे क्या होता है ?

लीप सेकंड क्या होता है?

लीप सेकंड ये कौन सा भूत है ?!लीप वर्ष वह वर्ष होता है जिसमें ४ से विभाज्य होने वाले वर्ष संख्या को लीप वर्ष कहा जाता है और उस वर्ष के फरवरी के महीने में २८ दिनों के बजाय २९ दिन होते हैं।लेकिन आज तक लीप सेकेंड के बारे में कभी नहीं सुना!

१९७२ में यूटीसी (UTC)  को जीएमटी (GMT)  के बजाय टाइम स्केल के रूप में अपनाया गया था। UTC का मतलब यूनिवर्सल टाइम कोऑर्डिनेटेड या कोऑर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम है I UTC का प्रबंधन “the Bureau International des Poids et Mesures (BIPM)” {ब्यूरो इंटरनेशनल डेस पॉयड्स एट मेसर्स (बीआईपीएम)} द्वारा किया जाता है। UTC को Z Time या Zulu Time के नाम से भी जाना जाता है।

कहा जाता है कि परमाणु शक्ति से चलने वाली घड़ी १४,००,०००  साल तक सटीक समय बताती है। हम इंसान हैं इसीलिए हमें कही गई ये बात माननी ही पड़ेगी, क्योंकि आधुनिक घड़ी के आविष्कार को भी अभी तो 1000 साल भी नहीं हुए है और हमें कहाँ १४-१५ लाख साल जीवित रहना है !

लेकिन … लेकिन … लेकिन …

कभी-कभी परमाणु शक्ति से चलनेवाली घडी के समय में और सूर्य की गति के आधार पर प्राकृतिक समय की गणना में थोड़ा अंतर होता है। जब यह अंतर ०.६  सेकेंड से ०.९ सेकंड का हो तो एक सेकेंड लीप सेकेंड के रूप में उसे जोड़ा जाता है। इस अंतर को दूर करने के उद्देश्य से जनवरी १९६० में यूटीसी की स्थापना की गई । साल १९७२ से जरूरत पड़ने पर 30 जून या 31 दिसंबर को आखिरी मिनट को ६० सेकंड के बजाय ६१ सेकंड के रूप में गिना जाता है। और दुनिया की सभी घड़ियां उसी के अनुसार अपना समय बदलती है।

मेरे जैसे कई लोगों के लिए, जो समय की कीमत नहीं जानते हैं उन्हें समय में घंटों के अंतर भी कोई फरक या असर नहीं होता, उन लोगो को इस लीप सेकंड का मूल्य और महत्व कभी भी प्रभावित नहीं करता सकता है! लेकिन यह लीप सेकेंड खगोलविदों और वैज्ञानिकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इन अतिरिक्त लीप सेकंडों को जोड़ने का काम “International Earth Rotation & Reference System” (अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी रोटेशन और संदर्भ प्रणाली) द्वारा किया जाता है।

सेकंड स्विट्ज़रलैंड की आकाशी घड़ी


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File:Astronomical clock of the “Zytglogge” tower in Berne, Switzerland.jpg – Wikimedia Commons

एक मान्यता के अनुसार समुद्र में ज्वार-भाटा के आने से पृथ्वी की अपनी काल्पनिक धुरी पर परिक्रमा करने की गति थोड़ी बाधित होती है।जिससे कभी कभी इसकी गति में एक सेकंड का अंतर आ जाता है। जिससे पृथ्वी TAI – Temps Atomique International – International Atomic Time से आगे निकल जाती है। परमाणु घड़ियाँ इतनी नियमित और सटीक होती हैं कि उन्हें एक सेकंड के हजारवें हिस्से में भी मापा जा सकता है।

लीप सेकेंड की घोषणा आमतौर पर एक महीने पहले की जाती है। मध्यरात्रि के अंतिम मिनिट में लीप सेकंड को जोड़ा जाता है। अर्थात मध्यरात्रि के अंतिम सेकंड को दो सेकंड के रूप में गिना जाता है। जब लीप सेकंड को जोड़ा जाना है तब सभी घड़ियों को एक सेकंड के लिए समय को रोक लिया जाता है!

घड़ी के आविष्कार से पहले, आकाश में घूमते हुए सूर्य के आधार पर समय की गणना का अनुमान लगाया जाता था, इसलिए उस समय लीप सेकंड जोड़ने का प्रश्न ही नहीं था। कुछ सरकारें, कुछ वैज्ञानिक और कुछ संगठन लीप सेकेंड जोड़ने की इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हैं। उन्होंने कहा कि लीप सेकेंड जोड़ने से दुनिया भर के कंप्यूटर नेटवर्क प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, लीप सेकंड की वकालत करने वाले वैज्ञानिकों के दृष्टिकोण का कहना है कि “अगर लीप सेकंड में अंतर समय-समय पर बराबर नहीं किया जाता है, तो लाखों साल बाद, प्राकृतिक समय चक्र और मानव निर्मित घड़ियों के बीच बहुत बड़ा अंतर देखने को मिलेगा ! हमें तो वैज्ञानिक जो कहते हैं उसे स्वीकार करना ही होगा क्योंकि साल में एक या दो बार लीप सेकंड जोड़ने या लीप सेकंड न जोड़ने से हमें क्या फर्क पड़ेगा?!

लीप सेकेंड एडिशन ऑपरेशन पहले Bureau International de l’Heure (BIH) {ब्यूरो इंटरनेशनल डी ल’ह्यूर (बीआईएच)} के स्वामित्व में था, लेकिन 1 जनवरी १९८८ से ये जिम्मेदारी International Earth Rotation and Reference Systems Service (IERS) {इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन एंड रेफरेंस सिस्टम्स सर्विस (आईईआरएस)} को सौंप दी गयी है।

लीप सेकंड जोड़ने के लिए IERS की प्राथमिकता के अनुसार ३० जून और ३१ दिसंबर की मध्यरात्रि में लीप सेकंड जोड़े जाते हैं। लेकिन IERS के अनुसार ३१ मार्च की मध्यरात्रि या ३० सितंबर की मध्यरात्रि में अन्य विकल्पों में लीप सेकंड जोड़े जा सकते हैं। लीप वर्ष में फरवरी में एक दिन जोड़ने का नियम है पर लीप सेकेंड जोड़ने का कोई विशेष नियम नहीं है ।

१९७२ से २०२१ तक २७ बार लीप सेकंड जोड़े जा चुके हैं। १९७२ में ३० जून और 31 दिसंबर को दो बार लीप सेकंड जोड़े गए। वह एक अपवाद था। फिर वर्ष १९७३, १९७४, १९७५, १९७६, १९७७, १९७८, १९७९, १९८७, १९८९, १९८९, १९९०, १९९५, १९९८, २००५, २००८, और २०१६ में ३१ दिसंबर की आधी रात को लीप सेकंड जुड़ चुके हैं। यानी अबतक कुल १६ बार ३१ दिसम्बर को लीप सेकंड जोड़ा गया है ।

जब की वर्ष १९८१, १९८२, १९८३, १९८६, १९८८, १९९२, १९९३, १९९५, १९९७, २०१२ और २०१५ में ३० जून की मध्यरात्रि में लीप सेकंड जोड़े गए। अब तक 30 जून की आधी रात को 11 बार लीप सेकंड जोड़े जा चुके हैं। लेकिन वर्ष १९८०, १९८४, १९८६, १९८८, १९९१, १९९९ , २०००, २००१, २००२, २००३, २००४, २००६, २००७, २००९, २०१०, २०११, २०१३, २०१४, २०१७, २०१८, २०१९, २०२० और २०२१ में लीप सेकंड नहीं जोड़े गए। मतलब इन २३ सालों में कोई लीप सेकंड नहीं जोड़ा गया ! सीधे शब्दों में कहें तो १९७२ से आज तक औसतन २१ महीने में एक लीप सेकंड जोड़ा गया है।

आम तौर पर हर साल ३,१५,६०,००० सेकंड का होता है। लेकिन जिस साल में लीप सेकेंड जोड़े जाते हैं, वह साल ३,१५,६०,००१ सेकेंड का होता है। हैरानी की बात यह है कि वर्ष १९७२ में जून और दिसंबर में दो बार लीप सेकेंड जोड़े जाने के कारण १९७२ का वर्ष ३,१५,६०,००२ सेकंड का था !

कभी-कभी ख्याल आता है कि एक सेकंड में क्या होने वाला है?! और सेकंड में हमारा क्या जानेवाला है ?!

कभी-कभी आप सोचते भी हैं कि एक सेकेंड में क्या होने वाला है?! और हम क्या करने जा रहे थे?! …..

~ दुनिया में एक सेकंड में 4 बच्चे पैदा होते हैं

~ एक सेकंड में दुनिया में 2 लोगों की मौत होती है

~ पृथ्वी एक सेकंड में अपनी धुरी पर 30 किमी चलती है

~ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन एक सेकंड में 8 किमी चलता है

~ कोका-कोला के 2000 डिब्बे दुनिया में एक सेकंड में बिक जाते हैं

~ दुनिया में एक सेकंड में 4 आईफोन बिक जाते हैं

~ एक सेकंड में ब्रह्मांड में 4000 नए तारे पैदा होते हैं

~ दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर में एक सेकंड में 33,86,00,00,00,00,00,000 कैलकुलेशन हो जाते है!

~ एक सेकंड में 23,93,470 ईमेल दुनिया भर में भेजे जाते हैं

~ एक सेकंड में Google में 48,745 सर्च किए जाते हैं

~ एक सेकंड में दुनिया में 1120 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होती है

~ एक सेकंड में अमेज़न के जंगलों में 11 पेड़ काटे जाते हैं

और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कभी-कभी आप एक सेकंड की देरी से बस, ट्रेन या यहां तक कि विमान भी चूक जाते हैं।

जिस वर्ष 31 दिसंबर की मध्यरात्रि में लीप सेकंड जोड़ा जाता है उस लीप सेकेंड में जन्म लेने वाले बच्चों की आयु स्वतः एक वर्ष बढ़ जाती है! 26 दिसंबर 2004 के विनाशकारी भूकंप के बाद, एक अध्ययन में कहा गया कि पृथ्वी की गति 2.68 सेकंड धीमी हो गई थी, लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि न तो वर्ष 2004 ने एक लीप सेकेंड जोड़ा और न ही 2.68 सेकंड के अंतर को बराबर किया।

अब आप ही बताइए कि हमारे आलस्य के कारण या हमारी सुविधा के कारण, हमारे घरों की दीवारों पर टंगी घडिया या हमारी कलाइयों को सजाती घड़ियाँ हमेशा के लिए सही समय से 10-20 मिनट आगे चलती हैं या 5-10 मिनट पीछे चलती हैं या बैटरी के अभाव से जो घडी हमेशा के लिए बंद रहती है,  भला उन घड़ियों को लीप सेकंड से क्या मतलब !

विचार करने के लिए एक गंभीर बात यह है कि क्या पृथ्वी की उत्पत्ति से 1971 तक ना जोड़े गए लीप सेकंड का यूटीसी पर कोई प्रभाव पड़ा है?! शायद “It’s never too late to mend”( जागे तबसे सुबह ) नियम का पालन किया हो !वैसे तो लीप सेकंड एक गहन विषय है, लेकिन यहां लीप सेकेंड की सामान्य समझ देने की कोशिश की है।”एक लीप सेकंड का जोड़ना कोई निश्चित नियम के बिना बस एक असाधारण नियम है!” – Exception proves the Rule.

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