4 Stories Of Clever Mulla, How he Outwits Others

4 Stories Of Clever Mulla, How he Outwits Others

4 Stories Of Clever Mulla Story 1 जोखिम को किसी के साथ दोस्ती नहीं होती

Story 1 : 3 Stories Of Clever Mulla पहली कथा मे एक महिला अपने छोटे से बेटे को लेकर मुल्ला  के स्कूल में गई । उसने सुना था कि बच्चे मुल्लाके साथ रहकर सुधर जाते थे। महिला ने न कहा – यह बच्चा बहुत ही बदतमीजी करता है और मैं बिनती करती हूं कि आप उसको इतना डरा देा कि वह बदतमीजी करना भूल जाए। मुल्लाने एक बहुत ही खतरनाक मुंह बनाकर, आंखों को बड़ी-बड़ी करके और मुंह को भयानक करके ऊपर नीचे जंपिंग करने लगे और अचानक बिल्डिंग के बाहर चले गए।

यह देखकर तो वह महिला डर के मारे अपने होश खो बैठी।

              जब उसको वापस होश आया तो वह मुल्ला  के लिए वेट कर रही थी। वह थोडी देरमे वापस आया और गंभीरतासे उनके साथ बातें करने लगा। महिला ने कहा मैंने आपसे कहा था के लड़के को डिसिप्लिन में लाए उसको डराएँ, मुझे नहीं।

मुल्लाने कहाः  मोहतरमा, आपने देखा नहीं? मैं ही अपने आप से कितना डर गया था। मैं वहां से भाग खड़ा हुआ। जब जोखिम सामने होता है तो वह सब को डराता है किसी एक को नहीं । मुल्ला का जवाब सुनकर महिला एकदम चकाचौंध रह गई और बच्चे को लेकर चली गयी।

सिख – जोखिम किसी का दोस्त नही।

4 Stories Of Clever Mulla Story 2 Make an Ass out of An Ass / Wool is Not Salt

3 Stories Of Clever Mulla

मुल्ला एक अच्छे गधे की तलाश में था कि मुझे एक ऐसा गधा चाहिए कि जो फिर मेरा बोझ भी उठायें लेकिन अपनी चतुराई से मेरा ध्यान रखें। मैं जब उस पर माल ला दूं तो वह सही जगह पर उसको पहुंचाए ,अगर मैं साथ में ना हो तो भी। मु.न. को लोग कहते थे कि यह पता नहीं है लेकिन यह गद्धा कोई एक राजा का शापित राजकुमार हो सकता है।

 एक बार मु.न. नमक की थैली लेकर बैगों को उस गधे के ऊपर लादकर लेके गया, और वह नदिया के पार गधे को लेकर जा रहे थे। मु.न. ज्यादा गहरे पानी में नही जाना चाह रहा था, लेकिन गधा काफी चतुर था। उसने देखा कि अगर वह गहरे पानी में जाता है तो उसके ऊपर जो नमक लादा है उसमें पिघल जाएगा और उसका बोज कम हो जाएगा ।

जब व्यापारी के पास पहुँचे तब नमक बहुत कम मिला और मु.न. को पैसा कम मिला ।

मु.न. ने भी एक चाल चली, उसने उन – wool लादा । लेकिन गधा एक सही मायने में गधा था, उसने फिर वही चाल चली। वह फिर गहरे पानी में धीरे-धीरे चल रहा था और जब तक नदी क्रॉस की तो तब तक उसके बदन पर इतना भार बढ गया कि वह चल नहीं सका और पानीमे बैठ गया। 

मु.न. हंस पडे, बोले , मुजे क्या गधा समझ रखे हो ? हा हा तुमको ऐसा लगा कि हर वक्त तुम पानी में मेरा माल भिगोकर अपना बोजा हल्का कर दोगे,देखा मैंने क्या किया?  इस तरह मुल्लाने गधे को एक पाठ पढ़ाया । नमक नमक रहता है और ऊन ऊन रहता है। दोनों के बीच का फर्क तुम्हें पता नहीं है इसीलिए तुम गधे हो और मैं तुम्हारा मालिक हूं। 

मुल्लाह हंसने लगे के तुम बड़े किले बनाना चाहते थे लेकिन अब तो तुम्हें तुम्हारी किए की सजा मिलनी चाहिए ।अपने आप को गालियां देता हुआ वह गधा खान की तरफ चला जब तक वह लोग बाजारमे पहुंचे उनके पांव के मसल सब सूज गए। इस वक्त म.न. को, जो ऊनका वजन ज्यादा था तो इसके लिए उसको ज्यादा पैसे मिले।

गधे को समझ में आया कि जिंदगी में कभी ऐसी चतुराई नहीं करनी चाहिए जिससे हम लोगों को चैट पहुचाए। लेकिन हमारी जिंदगी में यह गधा कौन है ? हमारी जिंदगी में यही व्यथा कि अपना मन हमको ही उल्लू बनाता है और और लोगों को भी उल्लू बनाता है। यह हमेशा से ही शॉर्ट कट चाहता है और एक बार दुसऱोंको चीट करने से जो नुकसान हुआ उसको भूलकर, फिर वही गलतियां करता है। लेकिन अगर हम अपनी यह कमजोरी समझ लेते हैं तो जरूर जिंदगी में कुछ पाएंगे।

4 Stories Of Clever Mulla कहानी 2की सीख : हर दफे पुरानी चतुराइ नही चलती। सफल होनेके लिए पेंतरे बदलो। आप कुछ लोगों को कुछ समय के लिए बेवकूफ बना सकते हैं लेकिन आप दुनिया को बार-बार बेवकूफ बनाने के लिए एक ही चाल का उपयोग नहीं कर सकते हैं

3 Stories Of Clever Mulla

4 Stories Of Clever Mulla Story 3 क्या अच्छा काम इत्तेफाकन होता है? Do Deeds Happen by Accident?

    नसीरुद्दीन का गधा एक नदी की तरफ पानी पीने के लिए दौड़ा अब नदी की जोक वह बड़ी थी। और वह गधा जस्ट बैलेंस गवा कर गिरने वाला था, उसी समय पानी में से कुछ मेढक जोर-जोर से ड्राउं ड्राउं , करने लगे।  गधा यह आवाज से इतना डर गया कि वह वापस दौड़ के ऊपर चला गया।

वह उसको अपने आपको बचा पाया। नसीरुद्दीन ने रोते-रोते पानी में कुछ पैसे फेंके और मेढकों से कहा कि आपने मेरे लिए एक अच्छा काम किया,मेरे गधेकी जान बचाइ। यह लो थोड़े से पैसे और खुश रहो।

सिख : दुसरोंके उपकारका बदला हमेशा चुकाएँ ।

4 Stories Of Clever Mulla Story 4 Needs Of Thieves

रात बड़ी देर से दो आदमी नसीरुद्दीन की खिड़की के बाहर झगड़ रहे थे । शोरसे मु.न. की नींद उड़ गई। लेकिन फिर भी वह अपने आप को कंबल में छुपा कर सोता रहा। और फिर थोड़ी देर के बाद कंबल ओढकर बाहर जाकर, आवाज को बंद करने के लिए उनके पास गया।

जब यह दोनों पियक्कड़ को समझा रहा था,  तो एक ने उसका कंबल छीन लिया और दोनों भाग गए। तब नसीरुद्दीन की पत्नी भी आवाज सुनकर बाहर आई और उसने पूछा कि – वह दोनों कौन थे और किस बात पर झगड़ रहे थे?  नसरुद्दीन ने कहा कि शायद से मेरे कंबल के लिए। जब उनको वह मिल गया तब मेरे कंबल से वह लड़ाई बंद हो गई। नसीरुद्दीन की हाजिर जवाबी और सेंस ऑफ ह्यूमर का जवाब नहीं। इसमे हमारे लिए हमेशा अच्छा देखना यह भी पाठ है।

4 Stories Of Clever Mulla Needs Of Thieves सिख : हम जीवन की कठिनाइयों पर हंसकर और रूखे होकर को सहने योग्य बना सकते हैं।

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