Story 3 of Mini, Love for Nature and Birds – मिनीका कुदरत प्रेम।

Story 3 of Mini, Love for Nature and Birds – मिनीका कुदरत प्रेम।

Love for Nature
Photo by Alex Iby on Unsplash

Love for Nature first story of Mini. मिनी की पंछी की कहानी – एक दिन बड़ी बारिश हो गई थी । मिनी, उसके माता-पिता रेखा और मगन उसका भाई, और दादी- दादा सब लोग उनके आगे वाले कमरे में बाहर बैठे थे। उनके घर में बारिश होने के बाद बहुत गर्म होता था। इसीलिए उस शाम वह पंखा चालू कर के बैठे थे।

Love for Nature of Mini saves a bird from death.

शाम का समय था – सारे पंछी घर लौट रहे थे। उनमे से एक छोटा पंछी उनके कमरे में आ गया, क्योंकि दरवाजा खुला था। पंछी आकर सीधा पंखे के पास चला गया और अनजाने मे घूमते हुए पंखे में घुस गया। वह रूम के बीच में गत खाकर गिर गया ।कुटुंब के सारे लोग पंछी और मिनी के सामने देखने लगे । माँ और दादी की आँख भी भर गयी । क्योंकि उनको पता था कि मिनी पंछियों से, तितलियों से और पेड़ों से बहुत प्यार करती थी। उसे कुदरत से बहुत प्यार था और कोई भी कुदरत की चीज को हानी पहुँचाता था तो वह रोने लगती थी ।

और वैसा ही हुआ – मिनी जोर जोर से रोने लगी। उसके भाईने बड़े प्यार से उस पंछी को अपने रुमाल से उठाया और सावधानीसे गोद में लिया।उसको देखा कि कितना चोट आई है ।यह सब देख कर मिनी को थोड़ा सा आराम हुआ लेकिन उस का रोना कम नहीं हुआ ।भाई पंछी को लेकर ,खड़ा होकर बाहर निकल रहा था ।

उसने उससे पूछा: ” आ रही है ? ” मिनी तुरंत उठ कर खड़ी हुई और अपने भाई के पीछे भागी । उसे तो अब तक ऐसा ही लग रहा था कि पंछी शायद मर गया होगा । दादी बोली – “छाता लेकर जाओ, गीला मत होइयेगा ।” अभी भी वह जिंदा था। एक बात अच्छी थी कि डॉक्टर चंद्रकांत उनके घर के पास ही रहते थे ।

दोनों उसको डॉक्टर चन्द्रकान्त के पास लेकर गए। और पंछी को उनके सामने रखा। डॉक्टर दोनों के सामने देखने लगे- “यह क्या है?” डॉक्टर चंद्रकांत उनको देखकर बोले – “मैं कोई वेटरनेयन नहीं हूं मैं इसको ठीक नहीं कर सकता ।” मिनी ने रोते रोते उनको कहा -” आपको यह काम करना ही पड़ेगा , क्योंकि वेटरनेयन बड़े हॉस्पिटल में बैठता है। और अब वहां जा नहीं सकते, शाम हो गई है, कोई नहीं मिलेगा । देरी होनेपर पंछी शायदसे दम तोड दें ।” उन्होने पंछीकी ओर देखकर अपने मित्र प्राणी के डॉक्टर को फोन लगाया।

The doctor also had Love for Nature and birds. डॉक्टर ने कहा :”शायद से एक पंख टूट गई है। पुछा – तो उसे क्या करना चाहिए और थोड़ा का खून भी बहरा बह रहा हैा उनके डॉक्टरों ने उसको जवाब दिया कि मैं मरहम बताता हूं वह उनको लगाओ और हो सके तो पानी में दवा पंछी को पिला दो, ताकि उसको इंफेक्शन ना लेना पडे और मरहम लगा दो। कल शाम तक ठिक हो जायेगा । उसके पंखके लिए स्कुलके बाद मेरे पास ले आना । पैसे नही लुँगा – तुमसे बहुत अच्छा काम किया आप लोगोने।”

उनके कहने पर डाॅक्सटर ने सब किया लेकिन दवाई वगैरह बहुत ही कम प्रमाण में थी। जो दवा इंसान को देते हैं वही उनको नहीं दे सकते ।मिनी के भाई को उन्होंने कहा ” दो-तीन दवाएं हैं यह लेकर आओ और यह लो पैसे, मैं भी प्यार करता हूं पंछियोंसे ।”

जित पैसा लेकर दवाई की दुकान पर गया और दवाइ ले आया । डॉक्टर चंद्रकांत ने सारी चीज देख कर के पंछी को अच्छा खड़ा किया और उनके हाथ में दिया। जितने पंछी वापस अपने रुमाल में अच्छी तरह से उठाकर रखा। दोनों बच्चे अपने घर पहुंचे और रास्ते में मिनी ने उस पंछी को अपने पास रख लिया और कहा ” मैं उसे पाल लूंगी और यह हमेशा मेरे पास रहेगा। उसे खाना खिलाऊगी, उसे पानी पिलाऊँगी । उसे घूमने ले कर जाऊंगी ।”

लेकिन उसको पता नहीं था कि पंछीको हमेशा आजाद रहना अच्छा लगता है। यह सभी बातें अपने पिता से करके अपनी मिठी बोलीमे हंसते – हंसते बतायी । उसने उनकी रजामंदी ली कि वह पंछी उसको उसके पास रखने लें।और कहा – वह उसे प्यार देगी, खाना देगी और पानी देगी। बाहर घूमने को भी लेकर जाएगी। डैडी ने उसको खुश करने के लिए हां कर दिया। मगन खुद भी खुश हो गया।

और मिनी पंछी को लेकर नाचने लगी। दादी ने कहा संभाल के गिर गया तो वापस रोएगी। और एक छोटे से मिट्टी के रोटी बनाने वाले कढ़ाई में पंछीको बिठाया। थोड़ा सा खाना दिया और फिर पानी दिया। रेखा ने डैडी से कहा: ” आप मेरे लिए नई कढ़ाई ला देना मैं पंछी वाली कढ़ाई इस्तेमाल नहीं करूंगी।” सब लोग जोर से हंसने लगे।

सारा वातावरण बदल गया और यह बात यहीं पर खत्म हो गई। लेकिन मिनी के लिए खत्म नही हुआ था । उसने कहा मैं – “कल टीचर से जरूर पूछुँगी – कुदरत में पंछी क्यों होते हैं भगवान उनको कुदरत में क्यों बनाया ।” दूसरे दिन उनकी environment क्लास में उसको समझाया कि बहुत सारे बिजोंको फैलाने में पंछी मदद करते हैं, पेडोंकी बस्ती को बढ़ाने में मदद भी करते हैं। सब जगह साफ रखने का काम करतें है । Love for Nature makes us happy and protects our environment.

सब सुनकर मिनीने कहा:” मै हमेशा के लिए कुदरतकी, पंछी की रक्षा करने का काम करुँगी।यानी कि एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन का काम करुँगी ।” कुदरत में पंछी का बडा रोल होता है । बचपन में जो हमको कुछ अनुभव होते हैं तो उससे बहुत सीखने को मिलता है। अब इस पर आधार रखता है कि हमको सिखाने वाले और हमारे मां-बाप हमको किस तरह से सोचना सिखाते है । इसमें मां बाप के लिए भी एक लेसन है की उनको बच्चों की सोच सही दिशा में घड़ें ।

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