Tenali Raman Introduction, तेनाली रमन का परिचय

Tenali Raman

Tenali Raman is a famous poet , jester, wise man and an intelligent advisor to the king Krishna Deva Raya of Vijaynagar kingdom. यह प्रसिद्ध दरबारी हास्य कवि और विदुशक तेनाली रमन की कहानी है । रमन कृष्ण देवाराया के प्रसिद्ध विजयनगरम साम्राज्य के विदुशक थे ।राज्य अपनी महिमा के लिए अच्छी तरह से मश्हुर था। ह आधुनिक भारत मे आजके ज्आंध्रप्रदेश के प्रान्त में था। विजयनगरम साम्राज्य की स्थापना हुई थी 1336 ई। में। यह कृष्ण देवरारायण का युग माना महान माना जाता है क्योंकि विजयनगरम का स्वर्ण युग था।

Origin of Tenali Raman

रमन का जन्म कृष्ण के आंध्र प्रदेश का जिला गरलप्पड गाँव में हुआ था । जब रमन सिर्फ एक बच्चा था उनके पिता रामय्या की मृत्यु हो गई । बाद में, उनकी माँ उसे तेनाली ले गई और वहीपर उसका ललन पालन किया । इस प्रकार वह तेनाली रमन बन गया।

स्कूली शिक्षा पूरी करते हुए रमन अपने गाँव के पास लौट आया । रमन वास्तव में एक बुद्धिमान लड़का था, वह शरारती और आलसी भी था , लेकिन वह बहुत अच्छा था। वह किसी भी काम करनेके लिए प्रयास करने को भी तैयार नहीं था, तभी भी जब वह भुखमरी की चपेट में था ।

एक बार तेनाली के हरे भरे गांव मे गंभीर सूखा पडा । भीषण गर्मी के कारण सभी तालाब और कुएं सूख गए। सब वनस्पति लुप्त हो गई। अकाल पूरे देश में फैल गया।भूख और प्यास का रोना हर जगह गूंज उठा। पीने का पानी मिलना मुश्किल हो गया और खाद्य स्रोत भी बिखर गए। इसलिये कुछ ग्रामीण अन्य गांवों के लिए भाग गए।

साधुका आगमन और रमनको सलाह Sadhu’s Coming to Village

इस कठिन समय के दौरान एक साधु गाँव में पहुँचा। पल भर के लिए उसने गाँव की मिट्टी पर पैर रख दिया कि सुखेके मौसममे बारिश होने लगी। लोगों ने सोचा कि यह बिल्कुल साधु का आगमन था
कि बौछार का कारण बना। रमन को छोड़कर सभी ने जयकारा लगाया भिक्षु और श्रद्धा के संकेत के रूप में उनके पैर छूए।

रमन इस तर्क को स्वीकार करने में संकोच कर रहा था। उसका तर्कमय मन का मानना ​​था कि यह साधु का आगमन नहीं था जो बारिश का कारण बना। बारिश होने ही वाली थी , भले ही
भिक्षु वहां नहीं पहुंचे होते। यह उनका दृष्टिकोण था और उन्होंने दूसरों को यह सच्चाई बतायी ।

गाँव वालों ने उसे सलाह दी कि भिक्षु को न उकसाएँ । लेकिन रमन साधु को वास्तविकता को बताना चाहता था। वह उसके पास आया और बताया,, नमस्ते, स्वामी, क्या आपने ताड़ का पेड़ देखा है? एक बार, एक थका हुआ कौवा चाहता था एक पेड़ पर बैठना। उसने डाली देखी एक देखा और उस पर बैठ गया।

उसी क्षण, एक अखरोट पेड़ से नीचे गिर गया। कुछ लोग, जिन्होंने इन दोनों घटनाओं को एक साथ देखा, टिप्पणी की, यह वह कौवा था जिसके कारण अखरोट पेड़ से गिर गया था।

‘लेकिन मैं यह महज एक अंधविश्वास के अलावा और कुछ नहीं है। क्या यह अंधविश्वास नहीं है,
स्वामी? ‘रमन ने भिक्षु से पूछा। पका हुआ अखरोट वैसे भी गिर जाता। हालांकि कौवा पेड़ पर भी नहीं चढ़ता था तो भी वह गिरने वाला था।

His Blessings to Tenali Raman

स्वामी चतुर और आदमी को सही पहचानने वाले थे। उन्हो ने परख लिया कि वह सामान्य व्यक्ति नही था।जब लोगों वहाँसे बिखर गये तो भिक्षु रमन को पुकारा और कहा, ‘आप बहुत बुद्धिमान हैं। मैं आपको मा कालीके मंत्र सिखाऊगा तो आप पढाईमे में सक्षम हो जाएगें। आपको काली की स्तुति को रोजाना पढ़ना चाहि। देवी आपको आशीर्वाद देगी और वह आपको इस पूरे देश में प्रसिद्ध कर देगी । आने वाली पीढ़ियां आपको आपकी बुद्धि और गौरव के लिए याद रखेंगी।

बाद में तेनाली रमन न केवल कृष्ण देव राय के राज्य में प्रसिद्ध हो गए, बल्कि पूरे भारत में उनकी बुद्धिमत्ता और बुद्धिमत्ता, बुद्धिमत्ता और वीरतापूर्ण सुझावों के लिए जाने लगे। उनके स्पष्ट और बुद्धिमान दृष्टिकोण, हास्य की भावना ने उन्हें अपने राजा के साथ पसंदीदा बना दिया। रमन और माँ काली के बारे में यहाँ पढ़ें.












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