Who was M.Nassiruddin?
Who was M.Nassiruddin? चलो जानें मु. नसीरुद्दीन के बारे में अगर कोई एक विशेषण का प्रयोग किया जाए तो मैं कहूंगा कि यह आदमीअभूतपूर्व था । उसके बारे में हम जितने विशेषण लगाएंगे उतना कम पड़ेंगे जैसे उनमे सेंस ऑफ ह्यूमर था, हाजिर जवाबी थे, गहरा सोचनेवाले थे वगैरह। कोई से कहता है कि वह लीजेंडरी करैक्टर थे पौराणिक चरित्र थे।लेकिन ऐसा हो नहीं सकता क्योंकि उनके बारे में बहुत सी जगह पर 750 सालों से रेफरेंस मिलते हैं। तो इसके लिए उसके अस्तित्व के बारे में कुछ भी शक नही।
Who was M.Nassiruddin? कहाँ जन्मे ? उनका जन्म हुआ था टर्की में एक छोटे से गांव उसका नाम था 1208 कोई और तो उनका जन्म औरतों में सीवरीहिसर के पास हुआ था। फिर वह 1248 में अकसेहिर की तरफ चल दीये और वहीं उन्होने दम तोड़ा। अजीब बात यह है कि जैसे अलग अलग प्रांत के और अलग अलग देश के लोग ऐसा दावा करते हैं उनका जन्म उनके ही देश में हुआ था। यह सब कन्फ्यूजन में कुछ और गड़बड़े भी चल रही थी – जैसे उज्बेकि दावा करते हैं कि उनका जन्म उन्हीं के उधर बुखारा में उज्बेकिस्तान में हुआ था।
Who was M.Nassiruddin? Stories of M. N. in Different Countries
इनकी कहानियां नॉर्थ अफ्रीका, ग्रीस, इटली, फ्रांस, रशिया, चाइना, पाकिस्तान, और अपना प्यारा भारत और यूएसए में भी सुनने को मिलती है। और अब तो यूरोप और इंग्लैंड में भी इनकी किस्से भेष बदल के सुनायी जाती हैं।
Who was M.Nassiruddin? Celebrations:
ऐसी जगह पर जहां पर उनको दफनाया गया था वहां एक उत्सव हर साल होता है – होजा उत्सव। होजा का मतलब होता है कोई टीचर या स्कॉलर। उनकी दरगाह एक तरह से जात्रा की जगह बन गई है लेकिन हम होजा सेलिब्रेशन हर साल टुर्की मे जुलाई 5 और 10 के दरम्यान एक महोत्सत्व होता है।
उन दिनोमे यहां पर बहुत सारे कलाकार और रचनात्मक लोग जैसे फोटोग्रैफर्स, फिल्म निर्माता, लेखक, नाटककार सिनेमा बनाने वाले, संगीतकार, एनिमेशन वाले और पेंटिंग बनाने वाले जमा होते है। और उनके बारे में अपनी चीज पर पेश करते हैं। और एक मजेदार बात बताउँ – यूनेस्को ने 1996 को नासिर उद्दीन international हुजा दिन जाहिर किया था ।
Who was M. Nassiruddin? His Origin
उनकी कहानियों में आपको सामान्य आदमी से लेकर राजा, और धार्मिक लोग, व्यापारी , सैनिक – समाज के हर एक प्रकार के लोगों पर उनकी आपको अवलोकन देखने को मिलेगा। अफगान राइटर इदरीश ने उनके लिए तीन पुस्तकें लिखी है जिसमें उन्होंने उनकी सारी कहानियां बयान की है।उनकी कहानियां सूफी लोग अपनी फिलॉसफी सिखाने के लिए इस्तेमाल करते हैं । और उनकी बहुत सारी कहानियां सूफियों से भी आती है और इनकी कहानियाँ पहले बहुत बड़े सुफी शायर जैसे जलालुद्दीन रूमी हाफिज, और सादीने सुनायी थी।
Who was M. Nassiruddin? What were his traits?
नसरुद्दीन की कहानियां उनके नाम से प्रसिद्ध हुई। उनकी एक खासियत थी कि कोई उसको सवाल पूछता तो उसके सामने वह सवाल पूछते ताकि पूछने वाला आगे उनको कुछ ना पूछें । किसी ने उसको पूछा कि हमेशा आप सवाल का जवाब सवाल में क्यों देते हो? तो मौला ने कहा क्यों ऐसा है क्या ? – सवाल कर दिया ।
कई कहानियों में वे खुद उल्लू बन जाते हैं। लेकिन हमेशा ऐसा होता है दोनों में से एक तरफ उसके साथ में हास्यास्पद बातें भी होती है। अब वह उन्होंने इतने सारे रोल किए हैं जैसे कि जोकर, एक विक्टिम, मस्तीखोर, बुद्धिमान व्यक्ति । हम अगर भारत मे देखें तो जैसे बीरबल, तेनाली रामन , मौला दो पिया जी और जैसे लोग रहते थे – लेकिन उनकी नही – मु.न. कइ दफे अपने आप पर हंसते थे ।
Who was M. Nassiruddin? Why was he cursed?
उनके बारे में एक कहानी है के जब स्कूल में पढ़ते थे उनके दो और दो मित्र उनके साथ रहते थे । उनके दोस्तों ने एक बकरी को पकड़ लिया और उसको मार के पका कर खा लिया। अब यह बकरी थी ,वह उनके टीचर की था। टीचर को बहुत दुख हुआ और गुस्सा भी आया।
जल्दी उनको मालूम पड़ गया कि कौन गुन्हगार था। नसीरुद्दीन के दोस्तों ने कबूल कर लिया की उन्होने ही बकरी को काटा था और बाकी के लोगों ने उसके टुकड़े करके खाया। अब उनके दोस्तों ने कहा कि वह मु.न. जोर जोरों से हंस रहा था, इसीलिए टीचर ने उन को श्राप दिया कि जिसने मेरे बकरी का गला काटा है वे हमेशा बहुत दुखी होंगे और जो हंस रहे हैं, उन पर पूरी दुनिया हमेशा के लिए हंसेगी।
Who was M. Nassiruddin? What is his Useful Wisdom?
1.एक यह हर एक प्रॉब्लम का एक सलूशन होता है लेकिन कुछ सलूशन ऐसे होते हैं प्रैक्टिकल नहीं हो सकते ।
2.अगर आपको कुछ करना भी है तो आप अच्छे बहाने बना सकते हैं लेकिन यह बहाने कभी लॉजिकल हो सकते हैं, कभी नहीं हो सकते लेकिन महत्व की बात है कि आपको एक बहाना हाथ में आ गया ।
3.हमको पता नहीं है कि हमारी जिंदगी हमको कहां तक पहुंचाएगी। कभी-कभी हमको जो हवा चल रही है उसके साथ रहना पड़ता है और हम कुछ संजोग को बदल नहीं सकते , लेकिन हमको कुछ करना है तो हमारी जिंदगी की भागदैर हमारे हाथमे ही रखनी होगी।
4. उनकी कुछ दृष्टांत कथाएँ है जो हमारे मनकी गहराइयों तक पहुंचा देती है। वह ऐसा कहा जा सकता है कि वह अलग-अलग परिस्थितियों में आकर फिर उनकी अपनी बोली और अपने व्यवहार से पता चलता था ।
यही नहीं उनके साथ व्यवहार करने वाले भी कुछ नया सीखे या तो फिर हंस पडते या तो फिर उनके सिखाये रास्ते पर चलने लगते थे। हम अगर और लोगों के साथ उनका मुकाबला करें तो चाइना के ताओ से और कुछ और हमारे देश के ऐसे ही लोग जैसे बीरबल ,तेनाली रामन, वगैरा है।लेकिन एक चीज तय है उनकी कहानियों में एक कॉमन धागा मिलता है की हम कैसे सोचते हैं और हम कैसे व्यवहार करते हैं वह बहुत महत्व का है ।
5. हम में से हर एक कहीं ना कहीं अपनी जिंदगी में कुछ ना कुछ अजीब संजोग में फंसते हैं। लेकिन अब इनका महत्व इसमें है कि यह समझो हमारे सामने जो आता हैं – वह हम पर हावी होता हैं, या तो फिर हम उस पर हावी होकर उसमें से सलामतीसे बाहर निकल जाते हैं। या फिर उसी टाइम पर हम हमारे व्यवहार के कारण हम लोगों में मशहुर या बदनाम होकर, जिंदगी के लिए जरुरी सिख लेकर बाहर निकलते है। लेकिन उनका हर एक किस्सा बहुत ही गहरा और फिर भी सरल था। यह बात थोड़ी सी विरोधाभास जैसा लगता है लेकिन उनकी कहानियाँ जब पढेगें, उनके बारे में कुछ सोचेंगे तब हम को यह बात समझ में आएगी ।
6. कभी कभी इनकी कहानियां और फिलॉसफी ऐसी चीजों में लिपटी हुई रहती है उसको अनुभव करना और उसकी गहराई को समझना मुश्किल हो जाता है अगर कोई भी सीरियस भी होता है तो उसको वह आशा देते हैं या तो सामने वाले को एक सिखाने वाली बात हो जाती है। जैसे उनकी अपनी बीवी ने एक दिन चोरी करके मांस खा लिया और झूठ बोली कि बिल्ली ने खा लिया कहानी यहां पढें । वह कहानी यहां पढ़ें लेकिन यह सब के बजाय उनका चरित्र है वह थोड़ा सा लोगोंसे से अलग होता है।
7. मुल्ला हमको कभी दिखाते हैं कि हमारा मन एकदम से कड़क और ना बदले ऐसा नहीं होना चाहिए जिस वक्त पर जोग संजोग में जो भी परिस्थिति में हम हैं उस वक्त जैसा एक्शन लेना जरूरी होता है ताकि हम अपने आपको बचा पाए और हमारा अपमान ना हो, और सामने वाला का भी मान रहे। इस तरह से हल निकल जा सकता है ।
8. कई कहानियों में दिखाया जाता है कि अगर आप किसी के ऊपर उपकार करते हो क्या उसका कोई काम करते हो तो उसको आप बार-बार याद मत दिलाओ यह आपको इस कहानी में देखने को और सीखने को मिलेगा ।
9. हमारा काम ही हमारे लिए बोलना चाहिए हमारा नसीब और हमारा प्रारंभ यह सब बातें हमारे लव से जुड़ी हुई है लेकिन लव को अपनी तरफ लाने के लिए हमको कुछ तो करना ही पड़ेगा बैठे रहने से अपने पास नहीं आता यह बात हम यह कहानी में सीखेंगे ।
10.आजकल के कई लोगों को अपनी जिंदगी में सदगी लाना जरूरी लगता है लेकिन यह सादगी एक प्रकार का एक प्रकार की कला है जो हर एक को माफ नहीं आती लेकिन शादी के कारण हम बिना तकलीफ वाली और शान जिंदगी जी सकते हैं यह सादगी के कारण हम अपने आप पर टेंशन नहीं लेते हैं अगर हमारे विचारों में सरलता है तो हम बड़ी शांति से जी सकते हैं मु.न. को सोचना एकदम सरल बात लगती थी और यही सरलता के कारण उसके सारे गुण आपको देखने को मिलते है।
11.अगर हम और लोगों को चीट – जालसाजी करते हैं तो हम यह नहीं सोचते हैं अपना झूठ चलाकर हम अपने आप को झूठ बोल रहे हैं। और अपने आप को चीट कर दिया। चीटिंग करने से उस समय तो हमको शायद फायदा हो जाता है लेकिन आगे को बहुत बड़ा नुकसान होगा।
12.आज की दुनिया में हम सब पैसे के पीछे है और बहुत सारी भौतिक चीजों के पीछे घूमते रहते हैं और तब उनकी यह कहानी हमको बहुत बड़ी सीख देती है ।
13.खुशी की चाबी क्या है। कुछ भी चाहिए, हमारे साथ कोइ जो भी करता है, उसमें से हमारे लिए क्या अच्छा निकलता उसको हम पकड़ें और क्यों एक परिस्थिति परेशान कर रही हैं? हमको यह सीखना है कि सकारत्हमता में लाइफ में कैसे प्रैक्टिकली इस्तेमाल करना है – मु.न. हमको यहाँ सिखाते है।
14. बोलने का पहला नियम है कि हमे चुप रहना है। इससे से हमारी सोच पर लगाम लगती है और हमें मालूम है कि शांत रहने से हमारे अंदर के दैवी गुण जागृत होते हैं । कब चुप रहना है और कब बोलना है मु.न. हमको सिखाते है।
15. भगवान को ढूंढने में हम अपने आप को इतना परेशान करते हैं और ऐसी ऐसी अजीब सी जगह पे पहुँचते है । उसको पाने के लिए हम तड़पते हैं और ढूंढते ही रहते हैं बिना सोचे समझे, लेकिन इसमें एक सीख है कि हमें हमारे अंदर की जो देवत्व हैं उसको पहचानना है और उसको ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है। तब जाकर हमें गॉड मिलेंगे ।
16.आपको पता है मु. नसीरुद्दीन अपने गधे पर उल्टा क्यों बैठते थे ।इसकी भी एक कहानी है यह कहानी आप यहां पर पढ़ सकते हैं।अगर हम हमेशा लॉजिक से सोचेंगे तो हमको सही जवाब कभी नहीं मिलेगा, और हमने एक चीज अनुभव की होती है और उस समय पर बेस्ट जो सोचा है वही लॉजिक बन जाता है। तो अगर हमारा प्रतिभाव गलत होता है तो यह बात हमसे हो जाती है। फॉलोअर्स को किस तरह से भी है क्या करना चाहिए ।
17. यहां हमको सीखने को मिलेगा कि बिन जरूरी पढ़ना या बिन जरूरी ज्ञान प्राप्त करना वह सबसे बड़ी तकलीफ है क्योंकि वही हमारे अंदर पड़ा पड़ा नई नई सोच पैदा करता है और हमको कनफ्युझ करता है।
18. किसी के ऊपर भी अंधा भरोसा ना करें। यह करके हम अपना ही नुकसान करेंगे।
19. सीख – किसीको कपडोंसे न तराशें। इसके बारे में यहां पर पढें ।
20. सबक : झूठे आत्मविश्वास पर न चलें ।
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