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परिचय:
भगवान राम, हिंदू पौराणिक कथाओं में एक केंद्रीय व्यक्ति, एक पूजनीय देवता हैं जिनका जीवन और शिक्षाएँ प्राचीन भारतीय महाकाव्य, रामायण में वर्णित हैं। “राम” नाम का गहरा महत्व है, और उनकी कहानी सिर्फ एक धार्मिक कथा नहीं है, बल्कि धार्मिक जीवन जीने का एक शाश्वत मार्गदर्शक है। आइए राम नाम के अर्थ के बारे में गहराई से जानें और रामायण में दर्शाए गए उनके चरित्र के प्रमुख पहलुओं का पता लगाएं।
राम नाम का अर्थ:
“राम” नाम संस्कृत के मूल शब्द “राम” से लिया गया है, जिसका अर्थ है आनंदित होना या प्रसन्न होना। भगवान राम को धर्म (धार्मिकता) और गुणों का अवतार माना जाता है, जो अपने भक्तों के दिलों में खुशी और खुशी लाते हैं। उनका नाम उनके गुणों और आध्यात्मिक और नैतिक परिदृश्य पर उनके गहरे प्रभाव को दर्शाता है।
मणिकर्णिका घाट पर राम नाम:
मुझे बहुत यकिन है कि आपने उपर लिखे घाट के बारे मे बहुत सारि बातेन सुनि होगी। जब किसिको स्मशान लेके जाते है तब क्या बोलते है – ” राम नाम सत्य है!” सहि कहा मैने? क्यो? ताकि मरने वाला व्यक्ति इस सत्य को सुन कर शान्ति मेह्सुस करे या उसके लिये क्या सहि है वह समजे। और कोइ मन्त्र क्यो नही बोलते है?
संस्कृतमे बहुत सारे एक अक्षर वाले शब्द जैसे ख, ग, गू , आदि. अब इसका राम नाम से क्या सम्बन्ध ? बहुत गेहरा सम्बन्ध है, बताता हुन। जरा रुकिये । अगर आप अग्नि पुरा न देखेङ्गे तो उस्के 348 और श्लोक क्र्माङ्क दसवा और ग्यरवा श्लोक यदि आप पढ़ते हैं तॊ आप मेरि बात समजेङ्गे ।
आग्नि पुरान से राम का अर्थ।
इस पुराण में व्यास ने वही लिखा है जो भगवान अग्निदेव ने उनसे एकाक्षर शब्दों के विषय में कहा था। इन श्लोकों में उन्होंने बताया है कि र का क्या मतलब है और म का क्या मतलब है। रा का अर्थ है अग्नि और म का अर्थ है माँ, लक्ष्मी देवी और मान। र का अर्थ शक्ति और इंद्र भी है। ये 2 मूल शब्द हैं। जब हम इन दोनों शब्दों को जोड़ते हैं, तो हमें राम शब्द मिलता है।
एक और व्याख्या, रा यनि अग्नि, ज्ञान, दाह है और माँ , संतान, विकास, समृद्धि या जन्म देने वाली है। यह आश्च्रय्जनक है कि इजिप्त के राजा के नाम भि राम से रखे जते थे, और इजिप्त कि भाशा मे रा का अर्थ है सुर्य या उर्झा देनेवाला। वे राजा भि अपने आप को सुर्य वनशि केहते थे।
इसलिए जब हम रा शब्द का उपयोग करते हैं तो इसका अर्थ है जो ज्ञान देता है, या जो जलाता है या शुद्ध करता है । और मा का अर्थ है वह जो आपको समृद्धि देता है, आपका विकास करता है। या नई चीजों का जन्म को जनम देता हो। तो राम का अर्थ है समृद्धि देने वाला, ज्ञान देने वाला, पतित-पावन करने वाला शब्द या दैवि ।
राम का नाम राघव क्यो है?
दरअसल श्री राम की माता कौशल्या ने उन्हें राघव नाम दिया था जिसका अर्थ है रघु का वंशज। राम शब्द को जन्म और मृत्यु के चक्र से बचाने वाला शब्द माना जाता है, इसलिए हम कहते हैं कि केवल राम नाम ही सत्य है। राम या राम शब्द जन्म और मृत्यु चक्र से आपका मुक्तिदाता या मोक्ष दाता बन सकता है।
हमने आगे एक लेख – मे देख कि संस्कृत भाषामे हर एक शब्द उसके मुल से बना होता है। तो राम नाम का मुल क्या है। मुल को संस्कृत भाषा मे मुल को धातु केहते है। राम शब्द कि धातु है रम , यानि खेल या खेलना, खुश रेहना । तब राम का अर्थ हुआ जो आनन्द मे रेह्ता हो, जो आनन्द मे रखे, मतलब हमे हमेशा आनन्दित रखे। यहाँ आनन्द या खुशि को English मे जिसे bliss केह्ते है उसे समजना है।
One who always rejoices is Raama. इसका अर्थ हम हमेशा खुश रखने वाला है। रमते इति रामा यानि जो हमेशा आनन्द मे रेहता हो। Raama is in constant of bliss state. रमयेति इति रामा – अर्थ है जो दुसरो को हमेशा आनन्द मे रखता हो। संस्कृतमे और एक श्लोक है जिसका अर्थ होत है – जो निर्जिव और जिवन्त सभि कि आतमा को हमेशा आन्दित करे उनको भि राम केहते है।
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