देवव्रतकी जन्म कथा भाग 2 – महर्षि वशिष्ठका श्राप और 1 वसु प्रभासका पतन : भीष्म की कथा।
Devvrat की जन्म कथा गंगाजी सुनाती है शांतनु ने बोला, “ जटपट बोलिए मेरे से यह कुतूहल सहा नहीं जाता।” गंगा ने कहा, “ राजेंद्र सुनिए एक बार आठ वसु अपनी पत्नी के साथ आनंद विहार कर रहे थे। यह जो पहाड़ देख रहे हो उसके सामने और उसकी वन में वह खेल रहे थे। […]